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इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल 2022 के विरोध में देश के लाखों बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के साथ प्रदेश के बिजली कर्मी काम बन्द कर सड़कों पर उतरे : आम उपभोक्ता व कर्मचारी विरोधी बिल को वापस लेने की मांग।
The miscreants threw acid on the female bank manager, the condition of the woman was admitted to a serious hospital.
8 August 2022 को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज देश के लाखों बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के साथ प्रदेश के बिजली कर्मी काम बन्द कर सड़कों पर उतरे।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी पल्लब मुकर्जी, प्रभात सिंह, गिरीश पांडे, सदरूद्दीन राना, राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल, सुहेल आबिद, पी के दीक्षित, डी के मिश्रा, महेंद्र राय, शशिकांत श्रीवास्तव, प्रेम नाथ राय, एके श्रीवास्तव, सुनील प्रकाश पाल, ए क श्रीवास्तव, आर के सिंह, शंभू रतन दीक्षित, विशंभर सिंह, रफीक अहमद, जीपी सिंह, राम सहारे वर्मा, पीएस बाजपेई ने बताया कि बिजली कर्मियों ने ऊर्जा क्षेत्र के सम्पूर्ण निजीकरण की दृष्टि से अलोकतांत्रिक ढंग से संसद में रखे गये बिल के प्रति अपना रोष प्रकट करने हेतु आज कम बन्द कर सड़कों पर उतर कर जोरदार प्रदर्शन किया।
बिजली कर्मचारियों की मांग है कि इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल 2022 वर्तमान स्वरूप में वापस लिया जाये और यदि सरकार इसे लाना भी चाहती है तो इसे बिजली मामलों की संसद की स्टैंडिंग कमेटी को संदर्भित किया जाये जिससे सभी स्टेक होल्डर्स खासकर आम बिजली उपभोक्ता और बिजली कर्मियों को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर मिल सके।
लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल में सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर एकत्र हुए। फील्ड हॉस्टल पर भारी पुलिस बन्दोबस्त के बीच बिजली कर्मचारियों ने विरोध सभा की।
उधर पावर कारपोरेशन के मुख्यालय शक्तिभवन में प्रबन्धन द्वारा गेट बन्द कर दिये गये जिससे कर्मचारी बाहर न निकल सके। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने काम छोड़कर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। फील्ड हॉस्टल से एक जुलूस बनाकर बिजली कर्मी शक्तिभवन तक गये और विरोध प्रदर्शन कर इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल 2022 वापस करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के बिजली उत्पादन गृहों में प्रातः 08 बजे से ही बिजली कर्मियों ने काम छोड़कर प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिये। मुख्यालयों पर और अन्य जनपदों में 10 बजे के बाद बिजली कर्मी काम छोड़कर बड़ी संख्या में एकत्र हुए।
बिजली कर्मियों ने प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर बिजली संशोधन बिल वापस लेने की मांग की।
उन्होंने बताया कि अनपरा, ओबरा, हरदुआगंज, पारीछा, पनकी, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, झांसी, बांदा, गोण्डा में भारी संख्या में बिजली कर्मी काम बन्द कर सड़कों पर निकले और इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 के जरिये केन्द्र सरकार इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने जा रही है जिसके बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं।
केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर यह वायदा किया था कि किसानों तथा सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत वार्ता किये बिना इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 संसद में नहीं रखा जायेगा। केन्द्र सरकार ने बिजली के सबसे बड़े स्टेक होल्डर्स बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से आज तक कोई वार्ता नहीं की है।
केन्द्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 में यह प्राविधान है कि एक ही क्षेत्र में एक से अधिक वितरण कम्पनियों को लाईसेंस दिया जायेगा। निजी क्षेत्र की नई वितरण कम्पनियां सरकारी क्षेत्र के नेटवर्क का प्रयोग कर बिजली आपूर्ति करेंगी।
बिल में यह भी प्राविधान है कि यूनिवर्सल पावर सप्लाई ऑब्लीगेशन अर्थात् सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली देने की बाध्यता केवल सरकारी कम्पनी की होगी और निजी क्षेत्र की कम्पनियां मन मुताबिक केवल मुनाफे वाले औद्योगिक व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली देकर मुनाफा कमायेंगी।
नेटवर्क के अनुरक्षण का कार्य सरकारी कम्पनी के पास रहेगा और इसको सुदृढ़ करने व संचालन व अनुरक्षण पर सरकारी कम्पनी को ही पैसा खर्च करना होगा। इस प्रकार निजी कम्पनियां मात्र कुछ व्हीलिंग चार्जेस देकर मुनाफा कमायेंगी। परिणामस्वरूप सरकारी कम्पनियां आर्थिक तौर पर दिवालिया हो जायेंगी।
बिल के अनुसार सब्सिडी व क्रॉस सब्सिडी समाप्त की जायेगी जिससे सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं से बिजली की पूरी लागत वसूल की जा सके। 7.5 हार्स पावर के पम्पिंग सेट को मात्र 06 घण्टे चलाने पर किसानों को 10 हजार से 12 हजार रूपये प्रतिमाह का बिल देना पड़ेगा।
यही हाल आम घरेलू उपभोक्ताओं का भी होगा। इस प्रकार यह बिल न तो आम जनता के हित में है और न ही कर्मचारियों के हित में है।
शैलेन्द्र दुबे
संयोजक
v good stop Electric amendment bill
Why govrnt hike prise electric . consumer n Farmer commit sucide due to electric bill