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पति से समझौता कराने के नाम पर किया जा रहा जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने का प्रयास।
जनपद मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र स्थित जाकिर कॉलोनी से एक सनसनीखेज मामला संज्ञान में आया है। जहां ससुराल द्वारा प्रताड़ित की जा रही महिला को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने का प्रयास किया जा रहा था। एक महिला किसी तरह आरोपियों के चंगुल से भाग निकली और लिसाड़ी गेट थाना पहुंचकर अपनी आपबीती बताई। और महिला ने पीड़ित बेटी के साथ थाने में तहरीर दी।
बताया गया कि उसकी बेटी का निकाह हापुड़ निवासी सलमान के साथ हुआ था। करीब दो माह पूर्व उसकी बेटी की सलमान से कहासुनी हो गई थी। इसी के चलते महिला अपने मयके आ गई। महिला की मां का आरोप है कि जाकिर कॉलोनी स्थित पड़ोस में रहने वाली अफसाना नाम की महिला कुछ दिन पूर्व पीड़िता के घर पहुंची और उसकी बेटी और पति सलमान में समझौता कराने की बात कहते हुए बेटी को हापुड़ ले जाने की बात कहने लगी।महिला का आरोप है कि उसने अपनी बेटी को अफसाना के साथ हापुड़ भेज दिया। आरोप है कि अफसाना बेटी को पति सलमान के पास न ले जाकर एक अन्य कमरे पर ले गई। इस दौरान महिला ने उसकी बेटी से गलत काम कराने का दबाव बनाया। जब पीड़ित ने अफसाना की बात नहीं मानी तो उसे बंधक बना लिया।
अफसाना एक अन्य महिला के साथ बेटी को हरिद्वार ले गई और वहां भी जबरन गलत काम करने का दबाव बनाने लगी। पीड़ित महिला के विरोध करने पर अफसाना ने अपने दो तीन अन्य साथियों के साथ महिला को एक कमरे में बंधक बना लिया। पीड़िता अफसाना व उसके साथियों के गलत इरादे देखकर सहम गई और बंद कमरे से निकलने का प्रयास करने लगी।
पीड़िता का आरोप है कि किसी तरह पीड़िता आरोपियों के चंगुल से छूटकर हरिद्वार बस स्टैंड पहुंची और मेरठ की गाड़ी में बैठ गई। मेरठ पहुंचकर मामले की जानकारी अपनी मां को दी। पीड़िता की मां पीड़िता को लिसाड़ी गेट थाना लेकर पहुंची और आरोपी अफसाना व उसके साथियों के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
एमडीए द्वारा लगाई गई सील को तोड़ने पर क्यों नहीं की जाती सख्त कार्यवाही।
नियमों को ताक पर रखकर बनाई जा रही अवैध इमारत को एमडीए ध्वस्त करने से पीछे क्यों।
जनपद मेरठ के मेरठ विकास प्राधिकरण प्रवर्तन खण्ड जोन A3 क्षेत्र के जाकिर कॉलोनी चमड़ा पैठ रोड पर नियमों को ताक पर रखकर असलम नामक व्यक्ति बेसमेंट सहित तीन मंजिला इमारत का अवैध निर्माणकार्य तेजी से कर रहा है।
एमडीए उपाध्यक्ष को भी किया जा रहा है गुमराह।
बतादे की सरकारी सील लगे होने के बाद भी अवैध निर्माणकर्ता दबंगई दिखाते हुए एमडीए को चुनौती देता दिखाई दे रहा है और अवैध इमारत के निर्माण को तेज़ी से पूर्ण करने में लगा हुआ है। आखिरकार किसका संरक्षण है प्राप्त इस अवैध निर्माणकर्ता को जो बेखौफ अवैध ईमारत के अवैध निर्माण को पूर्ण करने में लगा है।
अगर यह अवैध ईमारत किसी वजह से गिर गई तो उसका जिम्मेदार कोन होगा।
मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण पर लगाई गई सील को तोड़ने पर क्यों नहीं की जाती सख्त कार्यवाही
एमडीए द्वारा लगाई गई सरकारी सील को तोड़ने पर क्यों नहीं की जाती सख्त कार्यवाही।
Oh my GOD