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#MirabaiChanuCreatedHistory by lifting 49 KG weight category to win India’s first gold medal मीराबाई चनू ने 49 KG वेट कैटेगरी उठाकर भारत को पहला गोल्ड मैडल दिलाकर रचा इतिहास।
बतादे की मीराबाई चनू का जन्म मणिपुर के नोंगपेक काकचिंग गांव में हुआ था। शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था। लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुनना पड़ा।
मीराबाई की मेहनत रंग लाई, जब उन्होंने 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भारवर्ग में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया था। हालांकि रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था। वह क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में भार उठाने में नाकामयाब रही थीं।
स्टार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 KG वेट कैटेगरी में देश के लिए यह उपलब्धि हासिल की। बतादे की उन्होंने कुल 202 KG वेट उठाते हुए गेम्स रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया।
बताया गया की इन खेलों में जीत चुकी हैं पदक
मीराबाई चानू ने 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल कर इतिहास रचा था। इसके बाद 2018 में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में भी उन्होंने अपने नाम गोल्ड मेडल किया था। इस कामयाबी के लिए उन्हें खूब सम्मान मिला था।
पद्मश्री और खेल रत्न से सम्मानित हैं मीराबाई
मणिपुर की रहने वाली मीराबाई चानू भारत की स्टार वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी हैं। मीराबाई चानू को पद्मश्री और खेल रत्न से भी नवाजा जा चुका है।
चानू ने स्नैच में अपने पहले प्रयास में 84 KG वेट उठाया। वहीं, दूसरी कोशिश में उन्होंने 88 KG का वेट उठाकर अपने पर्सनल बेस्ट की बराबरी की।
तीसरी बार मीरा ने 90KG उठाने का प्रयास किया, लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाईं। मीराबाई ने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले प्रयास में 109 KG वेट उठाया और गोल्ड मेडल पक्का कर लिया। उन्होंने दूसरी कोशिश में 113 KG वेट उठाया।
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