www.vijaybharat.in पर देखिए सभी राज्यों की खबरे।
आशा बहनो का शोषण एवं रुका हुआ मानदेय को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन।
Memorandum to the Chief Medical Officer regarding the exploitation of Asha sisters and withheld honorarium
जनपद मेरठ:- बतादे की आशा बहनो का 750 रु० नवम्बर व दिसम्बर 2021 का मानदेय का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है तथा जनवरी 2022 से अब तक का कोई भुगतान नहीं किया गया आरोप है की आशा बहनो को 24 घण्टे काम कराया जा रहा है। उन पर कार्य करने का पूरा दबाव बनाया जा रहा है जिसमें उनका कार्य निम्न प्रकार है।
जच्चा बच्चा का प्रतिमाह टीकाकरण व देखभाल।
टी०बी० मरीजों का नियमित सर्वे।
कीड़ो की दवाई खिलाना व पोलियो की ड्यूटी।
उक्त कार्यो में आशाओ का कोई निश्चित भुगतान नहीं हो रहा है 2016 से टी०बी० के मरीजों को नियमित दवाई दी जा रही है परन्तु उसका भी मानदेय 2016 से अब तक नहीं किया गया है। आयुष्मान कार्ड के लिये आशा बहनो को 5 रु० प्रति कार्ड देने को कहा जा रहा है।
परंतु आशा बहने इतने कम पैसे में कार्य करने में असमर्थ है वह अपना प्रतिमाह जो कार्य है वही करेंगी अन्यथा कम मानदेय वाला कार्य बिल्कुल नहीं करेंगी आशा बहनो के प्रत्येक कार्य का भुगतान माह की 10 तारीख तक किया जाना चाहिए।
जैसे डिलीवरी का पैसा H.R.P का भुगतान, टीकाकरण का पैसा, आशा बहनो को समय पर मिल जाना चाहिए।
सी०एच०सी० पर मरीज से 1100 व 2100 डिलीवरी पर लिए जाते है। जिसके तहत गाँवो मे आशाओ को लाभार्थी परेशान करते है की हमारा इतना पैसा सरकारी अस्पताल में खर्चा कर दिया। न देने की अवस्था मे आशा व मरीजो को परेशान किया जाता है।
उक्त विवरण पर आशाओ के हित के लिए ठोस कदम उठाने की कृपा करे। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार ने एक घोषणा की थी की आशा बहनो को 7000/-रु प्रीति माह दिया जाए।