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#MDA व्यवसायिक निर्माण का आवासीय में नक्शा स्वीकृत करके, दे रहा अवैध निर्माण को छूट।
MDA is giving exemption to illegal construction by approving the map of commercial construction in residential.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध निर्माण पर सख्त निर्देश के बाद भी एमडीए के कुछ अधिकारी अवैध निर्माणों को रोकने के बजाए बढ़ावा देकर अपनी मनमानी करते दिखाई दे रहे है। यह देखकर एसा प्रतित होता है की उन्हे नही है योगी सरकार का डर।
आपको बतादे की मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खण्ड जोन डी 4 क्षेत्र के अवर अभियंता मनोज सिसोदिया व जोन डी के जोनल अधिकारी लगातार अवैध निर्माणकर्ताओ को बचाने का एवं एमडीए उपाध्यक्ष तथा योगी सरकार को गुमराह करने के प्रयास कर रहे है। जिसके बारे में एमडीए उपाध्यक्ष ने सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था जो फेल होता दिखाई दे रहा है।
एमडीए उपाध्यक्ष का अवैध निर्माणों पर कार्रवाई का आश्वासन दिख रहा फेल।
बताते है की किस तरह से खेल कर अवैध निर्माण को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खण्ड जोन डी 4 क्षेत्र के गंगानगर डिवाइडर रोड पर पीएनबी बैंक के सामने भूखंड संख्या G P 1 में मानचित्र स्वीकृत के बिना ही अवैध कोमलैक्स का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा था जिस पर प्राधिकरण द्वारा सील भी लगाई गई थी उसके पश्चात अवैध निर्माणकर्ता ने एमडीए अधिकारीयों से सैटिंग गैटिंग कर सील को काली पन्नी से ढक कर अवैध निर्माण को बदस्तूर जारी रखा और तेजी से निर्माण को पूर्ण करने में लगा रहा, उसके बाद एमडीए ने कोई सख्त कार्रवाई करने के बजाए इस अवैध निर्माण का आवासीय में मानचित्र स्वीकृत कर दिया।
और भूखंड स्वामी ने आवासीय का शमन कराते समय कामर्शियल नहीं करने का दिया था शपथ-पत्र फिर भी होली की छुट्टी के दौरान लगा दिये गए शटर, एमडीए मोन?
सबसे बड़ी बात प्रधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे को इस अवैध कमर्शियल निर्माण को भवन के रुप में दिखाकर आवासीय में मानचित्र स्वीकृत कर कंपाउंडिंग की कार्रवाई दिखाकर गुमराह कर दिया। जिसके चलते अवैध निर्माणकर्ता ने होली की छुट्टी के दौरान कांप्लेक्स में बनी अवैध दुकानों पर शटर भी लगा दिए, जबकि एमडीए उपाध्यक्ष की नजरों में यह आवासीय भवन का निर्माणकार्य चल रहा है।
वही दूसरी तरफ गंगासागर के बाहर की तरफ बिल्डर दारा सिंह द्वारा पक्का अतिक्रमण कर दुकानों तैयार करदी गई है। जबकि ध्वस्तीकरण के 2 बार आदेश होने के बाद भी अभी तक ध्वस्तीकरण नहीं किया गया।
इसके आलावा 👆 और भी ऐसे अनगिनत अवैध निर्माणकार्य जोन डी 4 में बदस्तूर जारी है। जिन पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती कर फाइले भरी जा रही है। इस बाबत जब जोन डी के जोनल अधिकारी को इस आवासीय निर्माण पर शटर लगे होने की जानकारी दी गई और दुकानों पर सील की कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नोटिस काटकर आगे की कार्रवाई करने की बात कही। अब देखने वाली बात यह है की मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इस अवैध निर्माण पर क्या कार्रवाई करते हैं।
कई बार अखबारों में भी जोन डी 4 क्षेत्र के गंगानगर डिवाइडर रोड पर चल रहे अवैध निर्माणों की खबर प्रकाशित की जा चुकी है। फिर भी एमडीए के अधिकारियों की तरफ से कार्रवाई क्यों नहीं की गई?