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#HusbandWifeकी बाते सुन भोलेनाथ ने स्वयं बताया की इनकी मनोकामना कब होंगी पूर्ण।
क्या हुआ जब एक भक्त ने की शिव जी की निंदा
एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे।
तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द मुस्कुरा रहे हैं। पार्वती जी के मन में प्रश्न उठा कि आज Mahadev ध्यान मुद्रा में भी क्यों मुस्कुरा रहे हैं।
उन्होंने Bhole Baba की समाधी समाप्त होने पर उनसे पूछा, स्वामी मैंने आपको पहली बार समाधी में मुस्कुराते हुए देखा है इसका क्या कारण है।
Shiv Ji ने उन्हें बताया कि उनके एक भक्त और उसकी पत्नी की बातें सुन कर वे मुस्कुरा रहे थे। पूरी बात बताते हुए Mahadev ने बताया कि मृत्युलोक में मेरा एक अनन्य भक्त एक ब्राह्मण है जो कि मेरे ही एक मन्दिर में पुजारी है और दिन रात मेरी सेवा में लगा रहता है।
वह इसी मन्दिर के पीछे छोटी सी कुटिया में अपनी Wife के साथ रहता है। इसकी Wife चाहती है कि उसके पास उसका खुद का घर हो और धन-दौलत हो जिससे वह सुख से अपना जीवन बिता सके परन्तु पुजारी केवल मन्दिर के चढ़ावे पर निर्भर है और मन्दिर में आने वाली दान दक्षिण से बड़ी मुश्किल से घर का खर्च ही चल पाता है।
घर और अन्य सुख सुविधा कहां से आयेंगी पर वह दिन रात मेरे से अपनी पत्नी का सपना पूरा करने का अनुग्रह करता रहता है। आज उसकी पत्नी ने उससे ऐसी बात कही जिसे सुनकर मैं मुस्कुराए बगैर नहीं रह सका।
पार्वती जी ने पूछा ऐसा क्या कहा उसकी Wife ने जो आपका ध्यान भंग हो गया। शिवजी ने बताया उसकी पत्नी ने आज उसे ताना मारते हुए कहा कि जिन Bhole शंकर की तुम दिन रात सेवा करते रहते हो और उनसे मेरे लिए घर मांगते रहते हो उनके पास तो खुद घर नहीं है वे तो खुद कैलास पर्वत पर रहते हैं। तुम्हें कहां से घर देंगे। बस यही बात सुनकर मैं मुस्कुरा रहा था।
इस पर पार्वती जी को बड़ा आश्चर्य हुआ उन्होंने कहा स्वामी यह बात सुन कर मुझे बहुत बुरा लगा वह आपको ताना मार रही है और आप मुस्कुरा रहे हैं। आप उसे एक घर और सुख सुविधाएं दे दीजिए जिससे वो आपकी निन्दा न कर सके।
इस पर शिव जी ने कहा Parvati यह मेरे वश में नहीं है। ये सभी प्राणी तो मृत्युलोक में रहते हैं अपने पिछले जन्म के और साथ ही इस जन्म के कार्मो का फल भोग रहे हैं। और जैसे ही इनके कर्मो का फल इन्हें मिल जाता है। उन्हें सभी प्रकार के सुख मिलना शुरू हो जाते हैं। और अंत में वे मुक्ति पा जाते हैं।
इसी लिए इसे मृत्युलोक कहा गया है। मनुष्य बार बार जन्म लेकर अपने कर्मो का हिसाब चुकाता है। यह कर्म भूमि है बिना कर्म के गति नहीं है।
आगे शिव जी ने कहा यह ब्राह्मण पिछले जन्म में एक साहुकार था जो कि लोगों की जमीन, उनके जेवर पशु आदि गिरवी रख कर उन्हें पैसे देता था और उनकी जमीन हड़प लेता था। और जो दूसरों के जेवर और ब्याज में पैसा मिलता था। उसका उपयोग यह उसकी Wife भी किया करती थी।
इसी कारण आज इस जन्म में इसे घर नहीं मिल सकता और इसकी Wife जिसने उन वस्तुओं का उपयोग किया वह भी इसके साथ यह कर्मफल भोग रही है।
इस जन्म में यह मेरी सेवा कर रहा है। जिससे इसके कर्मो के फल में जो कष्ट मिलने थे वे मेरी भक्ति के कारण इसे नहीं मिल रहे हैं। इसका जीवन शांति से कट रहा है पर जब तक इसके कर्मो का हिसाब पूरा नहीं होता इसे घर और अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकती। यही विधि का विधान है।
Parvati जी ने कहा यह तो ठीक है। पर उसकी पत्नी जो आपकी निन्दा कर रही है उसका क्या। तक शिव जी ने कहा संसार में जैसे जैसे कलयुग का समय निकट आता जाता है।
मनुष्य भगवान की भक्ति करने के स्थान पर उनकी निन्दा करने लगेगा यह सृष्टी के आरम्भ में ही लिखा जा चुका है। जो व्यक्ति इस कठिन समय में मेरी सेवा करता रहेगा उसको इस मृत्युलोक से मुक्ति मिल जायेगी।
🙏🙏हर हर महादेव🙏🙏
🙏🙏Har Har Mahadev🙏🙏
v good HAR HAR MAHADEV JI KI JAI HO
HAR HAR MAHA DEV JAI BHOLA NATH