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ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु विशाल सम्मेलन एवं विरोध सभा।
Huge conference and protest meeting to protest against the arbitrary attitude of the top management of energy corporations and to solve the legitimate problems of power workers.
जनपद मेरठ -:
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु आज 21 नवम्बर 2022 को बिजलीकर्मियों ने डिस्कॉम मुख्यालय मेरठ पर किया विशाल सम्मेलन एवं विरोध सभा उ0प्र0 ऊर्जा का शिखर प्रबन्धन समस्याओं के निस्तारण हेतु संवाद किये जाने के प्रति गम्भीर नहीं : सार्थक निराकरण ना होने पर 29 नवम्बर से होगा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार :
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये के विरोध में एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओं के समाधान हेतु सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण करने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों/सेवा संगठनों के प्रान्तीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा आज डिस्कॉम मुख्यालय, मेरठ पर विशाल सम्मेलन एवं विरोध सभा किया गया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारी रवैये एवं नकारात्मक कार्यप्रणाली के कारण ऊर्जा निगमों को हो रही आर्थिक क्षति को रोकने एवं ऊर्जा निगमों में उत्पन्न किए गए भय के वातावरण को समाप्त कराने हेतु एवं बिजली कर्मियों की वर्षों से लम्बित न्यायोचित समस्याओ के समाधान के प्रति प्रबंधन द्वारा उपेक्षात्मक व नकारात्मक रवैया अपनाये जाने के कारण कुछ भी सार्थक कार्यवाही न होने से संघर्ष समिति ने सरकार व प्रबन्धन के ध्यानाकर्षण हेतु लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन किए जाने के निर्णय के क्रम में आज डिस्कॉम मुख्यालय, मेरठ पर विशाल सम्मेलन एवं विरोध सभा किया गया।
जिसमे हजारों बिजली अभियंता, अवर अभियन्ता व बिजली कर्मचारी सम्मिलित हुए। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के हठवादी व नकारात्मक रवैये के कारण ही 27 अक्टूबर को दी गयी नोटिस पर संघर्ष समिति से ऊर्जा के शीर्ष प्रबन्धन द्वारा कोई भी वार्ता नहीं की गयी है जो बिजलीकर्मियो के प्रति उनकी उदासीनता दर्शाता है।
29 नवम्बर 2022 से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ करने से पहले संघर्ष समिति के सभी घटक श्रम संघों/सेवा संगठनों की केन्द्रीय कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी व सदस्यों ने आज 21 नवम्बर 2022 को मेरठ में शक्ति डिस्कॉम मुख्यालय पर प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक सम्मेलन व विरोध सभा किया। अगले चरण में 22 नवम्बर 2022 से नियमानुसार कार्य आन्दोलन शुरू होगा। विगत 03 नवम्बर से शुरू हुए प्रदेशव्यापी जन-जागरण व प्रेस कॉन्फ्रेंस 28 नवम्बर तक जारी रहेगा।
ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार एवं नकारात्मक कार्य प्रणाली को उजागर करने हेतु प्रदेश भर के जनप्रतिनिधियों को 22 नवम्बर 2022 से ज्ञापन सौंपा जायेगा। 28 नवम्बर 2022 सायं 05:00 बजे समस्त जनपद/परियोजना मुख्यालयों पर मशाल जुलूस कार्यक्रम व 29 नवम्बर 2022 को प्रातः 08:00 बजे से सभी ऊर्जा निगमों के समस्त कर्मचारी व अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे।
बिजली कर्मचारियों, अवर अभियन्ताओं व अभियन्ताओं की मुख्य मांगों में सभी बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति 09 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के उपरान्त 03 पदोन्नत पदों के समयबद्ध वेतनमान दिये जायें, निर्धारित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशकों व निदेशकों के पदों पर चयन किया जाये, सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाये, ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जायें तथा 765/400/220 केवी विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाये, पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाये, आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाये, ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा हेतु पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये।
तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाये। वाह्य सेवा प्रदाता द्वारा संविदा कर्मियों के ई0पी0एफ0 भुगतान में किये गये घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाये एवं घोटाले की धनराशि वाह्य सेवा प्रदाता से वसूल की जाये। सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि का गठन किया जाये, केन्द्र के सार्वजनिक उपक्रमों की तरह प्रदेश के ऊर्जा निगमों में भत्तों का पुनरीक्षण किया जाये तथा उत्पादन निगम में अप्रैल 2020 से रूके हुए उत्पादन प्रोत्साहन भत्ता को बहाल किया जाये, रियायती बिजली की सुविधा पूर्ववत जारी रखी जाये, बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाये तथा भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किये जायें व कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जायें।
आज के विशाल सम्मेलन एवं विरोध सभा कल के सम्मेलन को सम्बोधित करने के लिए प्रमुख रूप से शैलेन्द्र दुबे, संयोजक विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उतर प्रदेश एवम आल इंडिया पावर इंजीनियर फैडरेशन के अध्यक्ष, जितेंद्र सिंह गुजर, महासचिव, अभियंता संघ,उत्तर प्रदेश, जी.बी. पटेल, अध्यक्ष, जूनियर इंजीनियर संगठन, उत्तर प्रदेश, नरेश चंद शर्मा, प्रांतीय कोषाध्यक्ष,विधुत मजदूर पंचायत, उतर प्रदेश, मै. वसीम, महासचिव, प्रावैधिक कर्मचारी संघ, उतर प्रदेश, इं०के०के० तेवतिया, उपाध्यक्ष अभियन्ता संघ, इं०के०के० सारस्वत, अधिशासी अभियन्ता, इं०रोहित कुमार संयोजक मेरठ, इं०आर०ए०कुशवाहा सहसंयोजक मेरठ, इं०सी०पी० सिंह, इं०अरविंद बिंद, दिलमणी थपलियाल, इं०मुकेश कुमार यादव, इं०आशुतोष शर्मा, विवेक वर्मा, मोहित सिंह, विवेक सक्सेना, प्रदीप डोगरा, पी०सी० जोशी, राम मूरत वर्मा, मांगे राम, पहलवान जतन सिंह, मोहित पाल, कृष्णा, अशोक त्यागी, सुमित पाल, कवितेन्द्र बच्चस, समेत सैकड़ों की भारी संख्या में बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता उपस्थित रहे।