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हिंदू परिवारों ने घर के बाहर लगाए मकान बिकाऊ है। के पोस्टर, जानें क्या है मामला..
Houses put up outside the house by Hindu families are for sale. Posters of, know what is the matter ..
जनपद मेरठ से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां कंकरखेड़ा क्षेत्र के खड़ौली गांव के ग्रामीणों ने एक वर्ग के लोगों पर अवैध रूप से धार्मिक स्थल बनाने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं महिलाओं से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए 20 मकानों के बाहर मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। मामले की सूचना मिलते ही सीओ दौराला पुलिस टीम के साथ गांव में पहुंचे।
मामले को लेकर सीओ ने बताया कि गांव में एक ही वर्ग के 2 युवकों में धार्मिक स्थल में दरवाजा लगाने को लेकर विवाद हुआ था। गांव में कोई तनाव नहीं है। शरारती तत्वों ने मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा किए हैं।
दरअसल, कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के एनएच-58 स्थित खड़ौली गांव निवासी कैलाश, जितेंद्र, विनोद कुमार, बंटी और मुकेश ने 2 दिन पहले डीएम को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया था कि रोहटा रोड निवासी एक वर्ग के एक युवक ने खड़ौली गांव के ही मदरसे के लिए 150 गज जमीन दी थी, जहां लोगों ने अवैध रूप से धार्मिक स्थल बना दिया। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया।
वहीं दूसरी तरफ बृहस्पतिवार को करीब 20 घरों पर मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा हो गए। जानकारी देते हुए गांव के कुछ लोगों ने बताया कि एक वर्ग के लोग उनके परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ करते हैं। अवैध रूप से धार्मिक स्थल बनाकर गांव में माहौल खराब कर रहे हैं। इसके चलते पांच परिवार अपना घर छोड़कर चले गए हैं।
मामले में सीओ अभिषेक पटेल के मुताबिक, जिन घर पर पोस्टर चस्पा है, उनके परिजनों ने कहा कि यह पोस्टर चस्पा किसने किए, उनको इसकी जानकारी नहीं है। वह गांव में रहेंगे। गांव के कुछ लोग माहौल खराब करने में लगे हैं।
बड़ी बात ये है कि हंगामे की सूचना मिलने पर हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही कार्यकर्ताओं के साथ खड़ौली गांव में पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि एक वर्ग के लोग धार्मिक स्थल के बाहर सड़क के बीचो-बीच वाहन खड़े कर रास्ता बंद कर देते हैं। इसे लेकर कई बार दोनों पक्षों में कहासुनी हो चुकी है। आरोप है कि एक वर्ग के लोगों की हरकतों के चलते उनके बच्चों के विवाह नहीं हो रहे हैं।
गंगानगर क्षेत्र के अधिकारी बोले जो भी पूछना है। सचिव या उपाध्यक्ष से पूछो मेरे हाथ में कुछ नही।
जहां एक तरफ़ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई कर लगाम लगाती दिखाई दे रही है। तो वही दूसरी तरफ़ जनपद मेरठ के मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खण्ड जोन डी 4 के जोनल अधिकारी अर्पित यादव और उनके आधीन कार्य करने वाले अवर अभियंता मनोज सिसोदिया अवैध निर्माणों को रोकने एवं शमन शुल्क के रुप में आने वाले राजस्व की हो रही चोरी को रोकने में फेल दिखाई दे रहे है।
सूत्र बतादे की गंगानगर में गंगासगर, गंगा वाटिका, एपेक्स सागर वाटिका, कालोनियों के अंदर अवैध निर्माण कार्य 100% कवर्ड किए जा रहे है। जिन पर कंपाउंडिंग की कार्रवाई नही की जा रही है।, वही ग्लोबल सिटी कालोनी में भी अवैध फ्लैटों के निर्माण कार्य चल रहा है।, मवाना रोड पर ट्रांसलेम स्कूल में अवैध कालोनी का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है। जिसका ध्वस्ती करण नहीं किया जा रहा है। वही इसके बराबर में माधव कुंज नाम से भी अवैध कालोनी विकसित की जा रही है।
और इसके अलावा भी गंगानगर डिवाइडर रोड व उसके आस पास में कई अवैध निर्माण कार्य लगातार धड़ल्ले से चल रहे है। और अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाए अवैध निर्माणकर्ता स्वामी को कार्रवाई से बचने के लिए बताए जाते है। रास्ते?
जेई जोनल की सांठगांठ से गंगानगर डिवाइडर रोड पर एक अवासीय भवन का मानचित्र स्वीकृत कर दीया जहां अवासीय मानचित्र पर कमर्शियल कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। जिसमे बनी दुकानों पर शटर भी लगा दिए गए है। इसके अलावा भी और अवैध निर्माण कार्य लगातार धड़ल्ले से जारी है। लेकिन कार्रवाई शून्य है।?
इस बाबत जब पत्रकार इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न होने की जानकारी लेने मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के पास पहुंचे तो वह अपने पटल पर नही मिले उसी दौरान मौके पर जोन डी के जोनल अधिकारी अर्पित यादव से मिले ओर उनसे जोन डी 4 में चल रहे अवैध निर्माणों की कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपको जो भी जानकारी चाहिए वह उपाध्यक्ष या सचिव देंगे जबकि वहा अवर अभियंता मनोज सिसोदिया भी बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे और चाय की चुस्कियां लेते लेते कहा की सभी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई पुरी है। अखबार में छाप लो जितना छापना हो।
और जोनल अधिकारी अर्पित यादव बोले की मुझे कुछ नही पता है। मै तो सिर्फ़ यहां बैठा हू और मैं तो यहां से हटना चहाता हू।
अब आप खुद ही समझ सकते हो की मेरठ विकास प्राधिकरण में कुछ अधिकारीयों का क्या हाल है। क्या इस तरह रुक पाएगी राजस्व की चोरी।