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हिंदू ने मुस्लिम को, मुस्लिम ने हिंदू को अपना गुर्दा दान देकर दी भाईचारे की मिसाल।
Hindu gave example of brotherhood to Muslim, Muslim gave his kidney to Hindu.
हिंदू ने मुस्लिम को, मुस्लिम ने हिंदू को अपना गुर्दा दान देकर दी भाईचारे की मिसाल। जी हां यह हिंदू मुस्लिम का भाईचारा देखने को मिला मेरठ के न्यूटीमा अस्पताल में बतादे की 01 अक्टूबर 2022 को दो गुर्दा प्रत्यारोपण स्वैप विधि से आपके न्यूटीमा अस्पताल उत्तर प्रदेश के गढ़ रोड, जनपद मेरठ में सफलता पूर्वक किये गए है।
न्यूटीमा अस्पताल के डॉo संदीप कुमार गर्ग ने दी पूरी जानकारी देखिए वीडियो में 👇👇👇
गुर्दा प्रत्यारोपण में जाने माने गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप कुमार गर्ग, डॉ शालीन शर्मा एवं डॉ शरत चन्द्र गर्ग का अतुलनीय प्रयास एवं अहम् योगदान रहा। गुर्दा प्रत्यारोपण की उपरोक्त विशेषज्ञ टीम द्वारा अभी तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्दा प्रत्यारोपण (रेनल ट्रांसप्लांट) जैसे HLA (छोटे बच्चों के गुर्दा प्रत्यारोपण) ABO INCOMPATIBLE, स्वैप ट्रांसप्लांट और अतियाधुनिक तकनीक से जितने तरह के भी ट्रांसप्लांट संभव है को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लगभग 250 से भी अधिक गुर्दा मरीजों को एक नयी जिंदगी प्रदान की है।
स्वैप विधि द्वारा किये गये गुर्दा प्रत्यारोपण में गुर्दा प्राप्तकर्ता मो. अफसर अली व गुर्दा दाता मो. अकबर अली निवासी अमरोहा जबकि दूसरा गुर्दा प्राप्तकर्ता थी अंकुर मेहरा व गुर्दा दाता श्रीमती अनीता मेहरा निवासी मोदीनगर, जिला गाज़ियाबाद है। खास बात यह कि दोनों परिवार अलग अलग समुदाय से ताल्लुक रखते है लेकिन इन सब बातों को दरकिनार कर दोनों परिवारों ने एक दूसरे परिवार को गुर्दा दान देकर हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की एक सुन्दर मिसाल पेश कर फिर से गंगा-जमुनी तहजीब को साकार किया, सामाजिक सौहार्द को लेकर दोनों परिवारों का यह कदम अतिप्रशंसनीय है।
क्या होता है रेनल ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) ?
जब किसी मरीज के गुर्दे पूर्ण रूप से अपना काम करना बंद कर देते है तो मरीज के पास केवल दो विकल्प ही शेष बचते है पहला गुर्दा रोग विशेषज्ञ के निर्देशानुसार मरीज लगातार डायलिसिस कराये दूसरा वह गुर्दा प्रत्यारोपण करा कर सामान्य जीवन व्यतीत करे। यदि मरीज दूसरा विकल्प चुनता है तो उसको घर में से कोई सदस्य अथवा रिश्तेदार या दोस्त गुर्दा दान कर सकता है इसी को रेनल ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) कहते है ।
रेल ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) के लिए क्या जरुरी है ?
रेनल ट्रांसप्लांट के लिए डोनर (गुर्दा दाता) होना जरुरी है डोनर का ब्लड ग्रुप आमतौर पर रिसीवर (गुर्दा आदाता) से मैच (मिलान) होना चाहिए। यदि दोनों डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करता है तो इस परिस्थिति में मरीज का स्वैप ट्रांसप्लांट या ABO incompatible (ABOI) ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
स्वैप ट्रांसप्लांट क्या होता है ?
स्वैप ट्रांसप्लांट में आमतौर पर दो परिवारों के बीच अंगों का आदान प्रदान होता है, जो ब्लड ग्रुप मैच नहीं करने के कारण अपने ही परिवार के किसी सदस्य को अंगदान नहीं कर सकते। डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैच नहीं करने के कारण या HLA Non Identical Match होने पर दो अथवा चार मरीजों के परिवारों को बुलाकर नियमानुसार पारिवारिक सदस्यों की आपसी सहमती से एक परिवार दुसरे परिवार को और दूसरा परिवार पहले परिवार को गुर्दा दान कर देता है। हाल ही में किये गए मरीज के गुर्दा प्रत्यारोपण में इसी विधि का प्रयोग किया गया है उपरोक्त विधि से न्यूटीमा हॉस्पिटल में अब तक कुल 3 गुर्दा प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किये जा चुके है।
ABO-incompatible (ABOI) ट्रांसप्लांट
जब किसी डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मैंच नहीं करता है तब हम शरीर में एंटीबॉडीज चेक करते है। एंटीबाडीज का स्तर अनुकूलतम होने पर रेनल ट्रांसप्लांट कर सकते है परन्तु इसमें अतिरिक्त (Immunosuppressants) प्रतिरक्षा दमनकारी दवाइयों की आवश्यकता पड़ती है जोकि बहुत खर्चीला है।
कितना खर्चा आता है एक ट्रांसप्लांट में ?
एक गुर्दा प्रत्यारोपण में अनुमानित सात लाख रूपए का खर्च आता है जिसमे दवाईयां जांचे और (Immunosuppression) प्रतिरक्षा दमनकारी इंजेक्शन शामिल है। विशेष परिस्थितियों में उपरोक्त अनुमानित खर्च बड़ भी सकता है। गुर्दा प्रत्यारोपण के पश्चात अनुमानित 5 हजार से 7 हज़ार प्रतिमाह का खर्चा आता है।
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