महिला के अपमान, निर्वस्त्र करना, व बलात्कार के अपराध की सजा में संशोधन करके मृत्यु दण्ड का प्रावधान किए जानें की मांग।

Demand to amend the punishment for the offense of insult, disrobing and rape of a woman and make a provision for death penalty.
आज दिनांक 25-7-23 को उत्तर प्रदेश महिला अधिवक्ता एसोसिएशन की सदस्यों द्वारा महामहिम राष्ट्रपति जी को जिलाधिकारी मेरठ के माध्यम से मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई वीभत्स घटना के सम्बन्ध में ज्ञापन दिया गया। जिसमें महिला अधिवक्ताओं द्वारा निम्न मांगे रखी गई :-

1:- इस तरह के महिला के अपमान, निर्वस्त्र करना, व बलात्कार के अपराध की सजा में संशोधन कर के मृत्यु दण्ड का प्रावधान किया जाना आवश्यक है।
2:- किन्ही वर्तमान न्यायाधीश की कमेटी बना सी0बी0आई जांच कर उक्त मुकदमा फास्ट ट्रेक कोर्ट दिल्ली न्यायालय में चलाकर शीघ्र दोषियों को फांसी की सजा दी जाए ताकि भविष्य मे भारत देश में ऐसे अपराध ना हो।
3:- मणिपुर में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाये।
4:- ऐसी अनेकों घटनाएं मणिपुर के अन्दर हुई है सभी घटनाओं की जांच की जाए।

उत्तर प्रदेश महिला अधिवक्ता एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट चौ० उर्वशी सिंह ने कहा कि इस तरह की वीभत्स घटना आजाद भारत के इतिहास में कलंक है। महिलाओं के सम्मान की बात करने वाली सरकार ने अभी तक मणिपुर सरकार के ऊपर कोई कार्यवाही नही की जिससे प्रतीत होता है। कि केन्द्र सरकार के बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओं जैसे नारे निरर्थक है।

केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के किसी भी न्यायाधीश की निगरानी में एस०आई०टी की टीम बना कर / सी०बी०आई जांच करा कर अपराधियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। इस दौरान मुख्य रूप से पूनम वशिष्ठ, मीनाक्षी यादव, खुशनुमा प्रवीन, शाइस्ता मलिक, अनुभा सैनी, पूजा रस्तौगी, सिम्पल सिंह, वर्षा शर्मा, सिमरन कौर, अर्चना गौस्वामी, पूजा रानी, आकांक्षा सिंह, मोनिका गौड़, गजाला अन्सारी, प्रीति रानी, शिफा गाजी, उपस्थित रही।