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घर से जेवर लेकर बहू फरार, परिजन पहुंचे थाने कराया मामला दर्ज।
Daughter-in-law absconded with jewelry from home, relatives reached the police station, registered a case.
सऊदी में मजदूरी करने वाले सलमान ने भारत मे रहने वाली अपनी पत्नी जेबा व उसके भाई जमाम पर उसके घर से कीमती जेबरात चोरी कर ले जाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में जेबा की नंद व सास ने बताया कि जेबा का भाई देर शाम घर आया था और रात को यही रुका था ।
सम्भल में एक बहू पर घर से जेबर चोरी कर ले जाने का आरोप लगा है। इस मामले में चन्दौसी कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई गई है।
रात को जेबा ने अपने घर जाने की बात कहकर अपनी सास से जेबर मांगा था सास ने सुबह जेबा को जेबर देकर भेज दिया था। जेबा का भाई जेबा को लेकर यहां से सुबह निकल गया । तभी जेबा ने रास्ते से कॉल किया कि उसके बेग में उसका जेबर नही हैं। जिसके बाद कहानी में फिर से एक नया मोड़ आ गया। जेबा की सास ने बताया कि उसका जेबर भी घर से गायब है।
अब इस मामले में सऊदी ने रहने वाले सलमान के पिता ने चन्दौसी कोतवाली में अपने बेटे की पत्नी जेबा व उसके भाई जमाम के खिलाफ घर से जेबर चोरी कर ले जाने की शिकायत दर्ज करवाई है। वही पुलिस इस मामले को संदिग्ध मानते हुए जांच की बात कह रही है।
कार फाइनेंस करवाकर करते थे चोरी, पुलिस ने गिरफ्तार कर किया बड़ा खुलासा।
Meerut ब्रह्मपुरी Police And SOG की संयुक्त टीम ने ऐसे गिरोह का भांड़ाफोड़ किया है। जो गरीब लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन पर गाड़िया निकलवाते थे। हैरान करने वाली बात यह कि यह गिरोह बाद में उस कार को बेच देता थे फिर दूसरी चाबी से उसे चोरी भी कर लेता थे। कार बेचने के बाद यह गिरोह दूसरी चाबी से कार चुराता और फिर सोतीगंज में कटवा देता था। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि चार आरोपी फरार हैं। पुलिस ने दो आरसी और चार कार भी बरामद की है।
एएसपी कैंट विवेक यादव ने बताया कि सिविल लाइन साकेत गोल मार्केट निवासी दिलीप कुमार और देवरिया के कांताभ पट्टी बघौचघाट निवासी गौरव मल्ल उर्फ अनुज मल्ल को गिरफ्तार किया गया है।इनके कब्जे से दो अर्टिगा, एक स्विफ्ट व एक अर्बन कार के अलावा दो आरसी बरामद की गई है। उसके साथी कुशीनगर के रामकोला निवासी सचिन यादव, कविनगर निवासी सचिन चौधरी, ताहिर और सोतीगंज निवासी शाहिद उर्फ सईद फरार है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे वाहनों की राशि का 10 फीसदी फाइनेंसरों के पास जमा कराकर गरीब लोगों के नाम पर वाहन खरीदते थे। नए वाहन ग्राहक को तीन से चार लाख में बेच देता था। संदीप चौधरी वित्त और एनओसी कागजात तैयार करवाते हैं। कार खरीदने वालों को कार की सिर्फ एक चाबी दी जाती है। दूसरी चाबी से कार चुरा लेते। इसके बाद आरोपी कार को सोतीगंज के स्क्रैप डीलर ताहिर और शाहिद को दे देता था. स्क्रैप कारों को काटकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिल्ली व हरियाणा में बेचा जाता था।
एएसपी कैंट ने बताया कि गरीब लोगों के कागजात को किराए का मकान दिखाया जाता है, ताकि बैंक जांच करे तो वे आकर किराए का मकान देख सकें. जिनकी आईडी का इस्तेमाल किया गया है उन्हें मूल रूप से बाहर के निवासी के रूप में दिखाया गया है। आरोपी डाउन पेमेंट खुद जमा करते थे और बैंक से लोन मंजूर करवाते थे।
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