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गौशाला में सरकार के सभी आदेशों की खुलकर उड़ाई जा रही धज्जियां, गोवंश की हालत मरण अवस्था में
All the orders of the government are being openly flouted in the Gaushala, the condition of the cattle is in death stage
आज विश्व हिंदू महासंघ गो रक्षा प्रकोष्ठ के मेरठ महानगर की नवनियुक्त टीम नीरज शर्मा के साथ गौ सेवा प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल के नेतृत्व में दिल्ली रोड पर परतापुर कान्हा उपवन गौशाला का अचानक निरीक्षण किया गया।
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सर्वप्रथम तो गौशाला में प्रवेश के सभी गेटों पर चैन डालकर और दरवाजे पर लकड़ी के पट्टी लगाकर बंद किए हुए थे और प्रवेश द्वार पर लिखा हुआ था बिना अनुमति अंदर आना मना है बहुत अधिक प्रयास के बाद गेट खोले गए और बड़ी मशक्कत के बाद अंदर प्रवेश करने दिया मुख्य द्वार पर ही बहुत थोड़ा सा हरा चारा था इसमें पानी ही पानी भरा हुआ था टीम लगभग 12:15 12:30 के करीब गौशाला पहुंची थी वहां कोई भी सिस्टम प्रॉपर नहीं था।
मांगने पर किसी प्रकार का रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं हो सका मौके पर स्टाफ में 10-12 व्यक्ति उपस्थित थे और किसी के पास आई कार्ड भी नही था। गायों की संख्या के बारे में भी कुछ नहीं बता सके 400-500 होंगी बताया गया सुबह शाम 1 टाइम भूसा 1 टाइम हरा चारा दिया जाता है। 100 कुंतल हरा चारा आता है मौक़े पर जो हरा चारा था वो एक ट्रॉली था जिसमें बहुत पानी भरा हुआ था यानी की उसका वजन 25/30 कुंतल से अधिक नहीं था तथा टीम के कहने और पूछने पर ख़ाली खोरो में भूसा भरा जाने लगा बताया गया शाम की तैयारी है हरा चारा शायद दिखावे को या बुधवार में पैसे लेकर दान करने वालो के लिए रखा गया था।
एक दाना भी कही खोरो में नहीं दिखा। दुधारू गाय कितनी है पूछने पर कुछ नहीं बता सके सिर्फ़ एक कर्मचारी ने इतना कहा गरीबो को दे देते है पालने के लिए गोवंश कमजोर अवस्था में है शायद ही कोई ऐसा हो जिस की हड्डियां ना निकल रही हो जिस प्रकार का लापरवाही गंदगी, भोजन सूखा, भूसे की क्वालिटी बहुत खराब है उसमें गोबर, मिट्टी मिला हुआ था तथा कुछ गोवंश की हालत मरण अवस्था में थी उनका कोई उपचार उनके पास साफ-सफाई जैसी व्यवस्थाएं बिल्कुल नहीं थी जैसे इंतजार हो कब मरे आधा गोवंश तपती दोपहरी में खुले में बंधा हुआ था।
जब संगठन के द्वारा इस पर आपत्ति की गई 2:00 बज रहे हैं इतनी तपती दोपहरी में धूप में क्यों छोड़ा हुआ है वहां खाने की तो दूर पानी तक की व्यवस्था नहीं है तब उनको अंदर किया गया एक भी पंखा और लाइट नहीं चलती मिली कहने पर बताया गया कि लाइट गई है पूछा कि जनरेटर की व्यवस्था होनी चाहिए, फिर उसके बाद मुश्किल से जनरेटर चालू किया गया जिस पर भी मात्र कुछ पंखे ही चले टोकने पर पता नहीं कुछ स्विच ऑन करें गए होंगे तब उनको चालू किया गया एक साइड में जिसमें नंदी बाबा ज्यादा थे और वहां पर भी इसी प्रकार के खाने की और पानी की व्यवस्था नहीं थी भरत नाम के व्यक्ति द्वारा अपने आप को केयर टेकर बताया गया 1 घंटे के इंतजार के बाद कोई सक्षम अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा एक जोनल सेंचुरी ऑफिसर दिलशाद नाम बताया गया (डिपो इंचार्ज सहायक प्रभारी गौशाला कान्हा उपवन गौशाला) उनके द्वारा काफी सफाई देने की कोशिश की और आगे से सब ठीक मिलेगा यह पूछने पर कि क्या आज तक सरकार के द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया जा रहा जो अब तक सारी व्यवस्था ठप है आज के बाद ठीक मिलेगा उनका कहना था कि हम सब नीचे के कर्मचारी हैं जैसे बड़े अधिकारियों के निर्देश होते हैं हमें वैसे ही करते हैं एक व्यक्ति द्वारा अपने आप को गोवंश ले जाने के लिए गाड़ी का ड्राइवर बताया गया उससे पूछने पर कि पिछले 3 दिन की रिपोर्ट हमें बताएं और दिखाएं कि आप कहां-कहां गए आपने कौन-कौन से गौवंश की सेवा कि और उसका कोई सरकारी रजिस्टर में एंट्री आदि है क्या?
कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया गया और रजिस्टर तो बार-बार मांगने के बाद भी उपलब्ध नहीं हो सका बहुत लास्ट में एक रजिस्टर लाया गया जो उपस्थिति रजिस्टर था 54 या 57 कर्मचारी बताए गए इसमें से 14-15 की अटेंडेंस चढ़ी हुई दिखाई दी या अचानक शायद तैयार की गई थी एक ही पेन से। इसी अटेंडेंस पर कोई समय उपस्थित समय मेन्शन नहीं थी। पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ प्रियंका शर्मा जो लगातार फ़ोन करने पर भी वह नहीं आयी। सरकार सभी गोवंश के लिए फंड दे रही है तथा निर्देश दे रही है कि गौवंश के साथ किसी प्रकार की लापरवाही ना हो। लेकिन आज कान्हा उपवन गौशाला में सरकार के सभी आदेशों का खुल्लम खुला उल्लंघन करते हुए पाया गया। हमारी माँग है की मरने वाली गाय की वीडियो बने ग़रीबी को दी जाने वाली गायो की लिस्ट उपलब्ध करायी जाये तथा गौवंश से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध हो और एक व्यवस्था बने जिसमें रोज़ गौवंश से संबंधित सभी कार्यो की वीडियोग्राफ़ी करायी जाये जिसे संबंधित अधिकारियों के साथ साथ संगठन को भी भेजा जाये इसके संबंध में एक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। मौके से गोबर पानी और भूसा आदि के सैंपल लिए गए हैं शासन को भेजकर संबंधित कर्मचारी व अधिकारियों पर कार्रवाई हो इसके लिए प्रयास किया जाएगा तथा संगठन के द्वारा अन्य ट्रॉमा सेंटर और गौशालाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा।