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एक सनकी प्रेमी ने प्रेमिका को गोली मारने के बाद खुद भी जहर खा लिया।
गुरुवार सुबह एक सनकी प्रेमी ने प्रेमिका की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने खुद भी जहर खाकर सुसाइड का प्रयास किया‚ गंभीर हालत में प्रेमी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। घटना गाजियाबाद के घूघना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार आज सुबह लड़की के पिता और परिवार के अन्य लोग मंदिर गए हुए थे।
युवती घर पर अकेली थी‚ बताया जा रहा है कि इसी बीच युवती का प्रेमी घर पहुंचा और दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। झगड़े के बीच युवक ने प्रेमिका को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। गोली मारने की कुछ देर बाद आरोपी ने खुद भी जहर खा लिया। पड़ोसियों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
तीन दिन से बंद मकान को खोला तो 5 बच्चों सहित बेहोश मिले 7 लोग, अंधविश्वास।
अंधविश्वास का दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। संतो पत्नी बनारसी के घर का दरवाजा पिछले तीन दिन से नहीं खुला था। कोई आहट न मिलने पर मंगलवार को पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिसकर्मी जब ताला तोड़कर कमरे में दाखिल हुए तो दंग रह गए। कमरे में शीतल और उसकी मां संतो पूजा-पाठ करतीं मिलीं, जबकि पांच बच्चों समेत सात अन्य लोग अर्द्ध बेहोशी की हालत में मिले। पुलिस ने सभी को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है।
मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित तिलहर थाना क्षेत्र के बहादुरगंज का है।
दरअसल संतो की बेटी शीतल के पति विशाल की चार साल पहले फंदे से लटकने से मौत हो गई थी। शीतल का मानना है कि उसके पति की आत्मा उसके पास आती थी। पुलिस के अनुसार नवरात्रि का व्रत रखने के बाद शीतल ने रामनवमी पर हवन, पूजन के लिए घर के अंदर चौकी स्थापित की थी। शीतल के पिता बनारसी चूरन बेचने का काम करते हैं। वह चार दिन से बाहर गए हुए थे। घर में पत्नी संतो, बेटी प्रीति, शीतल, अंजलि (18), सुजाता (15), कामनी (14) बेटा संजय (12), आकाश (8) और प्रकाश (7) थे। उनका मकान का कमरा पिछले तीन दिन से बंद था।
घर से किसी तरह की आवाज नही आने पर मोहल्ले वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस ने मकान के अंदर प्रवेश किया तो संतो और शीतल लेटी हुईं जय मां दुर्गा, जय बालाजी कह रहीं थीं। वहीं बच्चे भी बेहोशी की अवस्था में थे। पुलिस ने तुरंत ही उन सभी को एंबुलेंस से पहले सीएचसी फिर राजकीय मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने बताया कि सभी ने पिछले दो-तीन दिन से कुछ खाया-पिया नहीं है। उनके शरीर पर मारपीट के भी निशान हैं। सभी का इलाज किया जा रहा है। एसपी ग्रामीण संजीव कुमार वाजपेयी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
एक युवती ने गुस्से में निगला मोबाइल, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर पेट से mobile निकाला।
A girl swallowed a mobile in anger, the doctors operated and took out the mobile from her stomach.
आपने सिक्के, ऑल पिन, आदि अनजाने में खा जाने या निगलने जैसे बहुत मामले सुने होंगे। लेकिन, मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें एक युवती ने गुस्से में आकर पूरा का पूरा मोबाइल फोन निगल लिया। युवती के परिजनों को जब इस बात का पता लगा तो वो तत्काल उसे जिला अस्पताल ले गए यहां से उसको ग्वालियर रेफर कर दिया गया। ग्वालियर आने के बाद जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर युवती के पेट से मोबाइल फोन निकाल लिया।
जिला अस्पताल, ग्वालियर के अधीक्षक डॉक्टर आर.के धाकड़ ने बताया कि युवती के द्वारा मोबाइल निकलने का मामला जिला अस्पताल में आया था। मोबाइल गले से उतर कर युवती के पेट में पहुंच गया था जिसके कारण वो असहनीय पीड़ा में थी जब युवती का अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांच की गई तो उसमें पेट में मोबाइल फोन की सही स्थिति स्पष्ट हुई। इसके बाद, सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में डॉक्टरों की टीम के द्वारा ऑपरेशन कर युवती के पेट से सफलतापूर्वक मोबाइल फोन निकाल लिया गया. इससे युवती को दर्द से राहत मिली।
डॉक्टर धाकड़ ने बताया कि यह इस तरह का पहला मामला है जिसमें इतनी बड़ी चीज गले से होकर पेट तक पहुंच गई हो. बहरहाल, इसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर युवती की जिंदगी बचा ली गयी है।
बताया जा रहा है कि भिंड निवासी इस युवती का अपने भाई से मोबाइल फोन को लेकर झगड़ा हुआ था। इसमें युवती ने गुस्से में आकर मोबाइल को निगल लिया था। इसके बाद उसके पेट में असहनीय दर्द हुआ तो परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल ग्वालियर रेफर कर दिया गया ग्वालियर आने के बाद डॉक्टरों की टीम ने युवती का समय पर ऑपरेशन कर मोबाइल फोन को पेट से निकाल लिया।
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